
- फिल्म रिव्यू: सिकंदर
- स्टार रेटिंग: 3.5 / 5
- पर्दे पर: 30.03.2025
- डायरेक्टर: एआर मुरुगादॉस
- शैली: एक्शन थ्रिलर
इसमें कोई शक नहीं कि सलमान खान बॉक्स ऑफिस के सिकंदर हैं। हर साल की तरह इस साल भी सलमान खान ईद के मौके पर ईदी लेकर आ गए हैं। इस धमाकेदार एक्शन थ्रिलर का निर्देशन एआर मुरुगादॉस ने किया है, जो गजनी, हॉलिडे, सरकार, दरबार जैसी फिल्मों के निर्देशन के लिए जाने जाते हैं। ट्रेलर और गानों ने फैंस का दिल जीता, जिसमें रश्मिका मंदाना और सलमान की रोमांटिक केमिस्ट्री की चर्चा रही। अब फिल्म रिलीज़ हो चुकी है, चलिए जानते हैं कि क्या यह दर्शकों की आसमान छूती उम्मीदों पर खरी उतरी है?
कैसी है कहानी
कहानी एक फ्लाइट से शुरू होती है, जो राजकोट जा रही होती है, जहां मंत्री प्रधान (सत्यराज) का बिगड़ैल बेटा अर्जुन प्रधान (प्रतीक स्मिता पाटिल) एक महिला का फायदा उठाने की कोशिश करता है और संजय राजकोट उर्फ सिकंदर (सलमान खान) जबरदस्त एक्शन से भरपूर एंट्री करता है और इसके बाद अर्जुन और उसके बाउंसरों की पिटाई करता है। जब मंत्री को इस बारे में पता चलता है तो वह हरियाणा के एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस अधिकारी प्रकाश (किशोर) को उसे गिरफ्तार करने और मारने का निर्देश देता है। हालाँकि, जब वह राजकोट पहुंचता है तो प्रकाश को पता चलता है कि संजय राजकोट का आखिरी राजा है और लोग उससे प्यार करते हैं और उसका सम्मान करते हैं। सैसरी (रश्मिका मंदाना) एक दयालु महिला और संजय की पत्नी है। सैसरी हमेशा अपने पति को हर खतरे से बचाती है। सिकंदर भी सैसरी से बेहद प्यार करता है। वह राजा के रूप में अपनी जिम्मेदारियों के कारण सैसरी को पर्याप्त समय नहीं दे पाता है।
अपनी पहली मुलाकात की सालगिरह मनाने के बाद सैसरी को पता चलता है कि वह प्रेग्नेंट है। वह यह खुशखबरी सुनाने के लिए संजय के पास जाती है, तभी एक वर्कर उसके महल में आता है और बताता है कि लालच के कारण अनजाने में उसने संजय की खदानों से बारूद एक ऐसे व्यक्ति को बेच दिया है, जो पंजाब बम विस्फोट के पीछे था। इसी बीच प्रकाश एक योजना बनाता है कि यदि कर्मचारी मारा जाता है तो संजय संदिग्ध हो जाएगा। जैसे ही लोग खदान में उस कर्मचारी को मारने की कोशिश करते हैं, संजय अपने लोगों के साथ आता है और उनकी पिटाई करता है। जैसे ही सैसरी संजय के पीछे आती है और उसे विस्फोट से बचाती है, लेकिन खुद उस विस्फोट का शिकार हो जाती है। इस हादसे में उसकी मौत हो जाती है।
संजय पूरी तरह से टूट जाता है और उसे पछतावा है कि उसने सैसरी को वक़्त नहीं दिया। डॉक्टर संजय को बताता है कि सैसरी ने अंग दान के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था।कुछ दिनों के बाद, संजय को पता चलता है कि सैसरी की आंखें, फेफड़े और दिल मुंबई में 3 मरीजों को दान कर दिए गए हैं। वह अपनी पहचान छिपाते हुए अपने लोगों के साथ मुंबई जाता है। वह धारावी के एक झुग्गी-झोपड़ी के लड़के फकरुद्दीन से मिलता है (जिसके पास सैसरी के फेफड़े हैं), निशा (अंजिनी धवन) नाम की एक लड़की जिसे सैसरी का दिल मिल गया है और माटुंगा की एक विवाहित ब्राह्मण लड़की वैदेही (काजल अग्रवाल) से मिलता है, जिसके पास सैसरी की आंखें हैं।संजय इन लोगों से मिलता है और इसी के साथ ही कहानी में ट्विस्ट आता है और कहानी अंजाम तक पहुंचती है।
निर्देशन
निर्देशक एआर मुरुगादॉस ने एक बार फिर से एक्शन सीक्वेंस और इमोशनल पलों के साथ प्रशंसकों के लिए एक शानदार गिफ्ट पेश किया है। फिल्म में अंगदान का एक सामाजिक संदेश भी है, जिसे प्रभावशाली तरीके से दिखाया गया है। फिल्म में गजनी वाला मैजिक देखने को मिला। कई सीन्स को शानदार निर्देशन के जरिये प्रभावी बनाया गया है।
कैसा है अभिनय
अभिनय की बात करें तो सिकंदर सलमान के लिए एक खास किरदार है और उन्होंने अपने ऑनस्क्रीन स्वैग और करिश्मे के साथ इसे दमदार अंदाज़ में पेश किया है।फिल्म में सलमान का शानदार स्वैग और दमदार डायलॉग्स फैंस को झूमने पर मजबूर कर देंगे। खासतौर पर उनकी गुजराती डायलॉग डिलीवरी जैसे "कायदे में रहो, फायदे में रहो" थिएटर्स में तूफानी माहौल बना देगी।रश्मिका मंदाना ने सैसरी के किरदार में अपनी मासूमियत झोंक दी है। सत्यराज ने प्रधान की भूमिका में कमाल का अभिनय किया है जबकि प्रतीक, काजल, अंजिनी और शरमन जोशी ने अपनी भूमिकाएं बखूबी निभाई हैं।
कैसी है फिल्म
सिकंदर सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि ईद पर एक फेस्टिवल सेलिब्रेशन है। हाई-ऑक्टेन एक्शन, बेहतरीन डायलॉग्स और स्टार पावर से भरपूर यह फिल्म सिनेमाघरों में में देखने लायक है। अगर आप एक्शन, इमोशन और मास एंटरटेनमेंट का फुल पैकेज चाहते हैं, तो सिकंदर जरूर देखें।